माता की चौकी की स्थापना करने की आसान विधि:-
नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है| इस साल के चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ होने जा रहे हैं जो की 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएंगे| नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है| मां शैलपुत्री के अलावा मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री माता रानी के स्वरूप है| नवरात्रि में माता रानी की पूजा करने के बाद कलश की स्थापना की जाती है|
कलश स्थापना के बाद माता की चौकी स्थापना ऐसे की जाती है:-
- सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी ले और उसे गंगाजल से धोकर पवित्र करें |
- अब इसे साफ कपड़े से पोछकर लाल कपड़ा बिछाएं |
- चौकी के दाएं ओर कलश को आम के पत्तों के साथ रखें |
- फिर उस चौकी पर माता की तस्वीर रखें |
- फिर माता रानी को लाल रंग की चुनरी ओढ़ाएं |
- दिया और धूप जलाकर मां दुर्गा की पूजा करें |
- नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योति माता रानी के सामने जलाएं |
- फिर देवी मां को तिलक लगाएं |
- मां दुर्गा को चूड़ी, वस्त्र, सिंदूर, कुमकुम, पुष्प, हल्दी ,रोली, सुहाग का सामान अर्पित करें |
- मां दुर्गा को फल और मिठाई अर्पित करें |
- मां दुर्गा की आरती उतारें |
- अब एक कुंडी ले और उसमें रेत डालकर जौ उगाए और उस पर जल का छिड़काव करें |
- नवरात्रि के नौ दिनों तक माता दुर्गा की पूजा करते रहना चाहिए |
माता की पूजा में लगने वाली मुख्य सामग्री :-
मां दुर्गा की फोटो सिंदूर, धूप, वस्त्र ,केसर, कपूर, कंघी, सुगंधी तेल, दर्पण, पानी वाला नारियल, चौकी के लिए लाल कपड़ा, बंदनवार आम के पत्ते , पुष्प ,दूर्वा, मेहंदी, हल्दी की गांठ, और पिसी हुई हल्दी, रोली, मौली, चौकी, कमल गट्टा, लोबान,गुग्गुल, लौंग, दीपक, दीपबत्ती,शहद, शक्कर, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप ,अगरबत्ती ,माचिस , साफ चावल, कुमकुम, बिंदी, श्रृंगार का सामान, घी ,तेल, पान ,सुपारी ,लाल झंडा, इलायची, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, मेवे, असली कपूर ,उपले ,बेल बेलपत्र, बताशे ,पुष्प, हवन के लिए आम की लकड़ी, शक्कर, शहद, जो आदि |